तू कहता है
तो ये सच
होगा
मेरा कद तेरे
कद से कम
होगा
शिद्दत से ढूंढता हूं जीने की
राह
न जाने ये
इंतजार कब कम
होगा
ये हसरत थी
कि तेरे साथ
चलूं
मालूम न था
कि रास्ता तंग होगा
तेरे आने की
खबर ने दिया
ऐतबार
इंतजार नही, दीदार
कुछ कम होगा
संभलकर चलिए इस
डगर यारों
यहां हैवान मिलेंगे इंसान कम होगा
- बृजेश नीरज
No comments:
Post a Comment