घोंघा भी चलता है तो रेत में, धूल में उसके चलने का निशान बनता है फिर मैं तो एक मनुष्य हूं। कुमार अंबुज
बहुत ही सार्थक प्रस्तुति,आभार.महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ !
आपका आभार! महाशिवरात्रि की आपको भी हार्दिक शुभकामनाएं!
.बहुत सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति .."महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें" आभार मासूम बच्चियों के प्रति यौन अपराध के लिए आधुनिक महिलाएं कितनी जिम्मेदार? रत्ती भर भी नहीं . आज की मांग यही मोहपाश को छोड़ सही रास्ता दिखाएँ . ''शालिनी''करवाए रु-ब-रु नर को उसका अक्स दिखाकर .
ऐसी प्रेरणा यदि सबके साथ रहे तो हर सफ़र आसान रहता है ।
काश!
जीने को प्रेरणा यही होती है ...
सही कहा आपने!
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ब्लागर
बहुत ही सार्थक प्रस्तुति,आभार.महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ !
ReplyDeleteआपका आभार! महाशिवरात्रि की आपको भी हार्दिक शुभकामनाएं!
Delete.बहुत सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति .."महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें" आभार मासूम बच्चियों के प्रति यौन अपराध के लिए आधुनिक महिलाएं कितनी जिम्मेदार? रत्ती भर भी नहीं . आज की मांग यही मोहपाश को छोड़ सही रास्ता दिखाएँ . ''शालिनी''करवाए रु-ब-रु नर को उसका अक्स दिखाकर .
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ReplyDeleteकाश!
Deleteजीने को प्रेरणा यही होती है ...
ReplyDeleteसही कहा आपने!
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