घोंघा भी चलता है तो रेत में, धूल में उसके चलने का निशान बनता है फिर मैं तो एक मनुष्य हूं। कुमार अंबुज
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ब्लागर
बेहतरीन हाइकू,होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteआपका आभार!
Deleteआपको होली की हार्दिक शुभकामनाएं!
शब्दों के सिमित संसार में रंगों को बाखूबी बाँधा है ...
ReplyDeleteआपका आभार!
Deleteआपको होली की हार्दिक शुभकामनाएं!
होली मुबारक
ReplyDeleteआपकी पोस्ट कल के चर्चा मंच पर है
दिलबाग जी आपका आभार!
Deleteआपको भी होली की शुभकामनाएं!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर।। होली की हार्दिक शुभकामनाएं
पधारें कैसे खेलूं तुम बिन होली पिया...
आपका आभार!
Deleteडारि डारि संग राखे अंग, रंग फूल मनाए होरी रे ।
ReplyDeleteदैइ फुहारीन पाखे रंग, संग झूल मनाए होरी रे ॥
आपका आभार!
Deleteबहुत सुन्दर।। होली की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteबहुत सुन्दर हायकू ..
ReplyDeleteआपको होली की हार्दिक शुभकामनायें
आपका आभार!आपको भी होेली की शुभकामनाएं!
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