अधिकारी हो
गए मनमाने
सरकार को समस्या
सुनते नहीं
बात
नेता को समस्या
कैसे चले काम
जनतंत्र का
नाम
शिकायतें रोज
रोज
सरकार हलकान
कहां से लाएं
ढूंढकर ऐसा
जिससे न हो
पार्टी परेशान
अभी भेजा
एक जिले में
एक कप्तान
इत्तेफाकन
जब वह पहुंचा
जिले में
उसे हो गया
जुकाम
लगा वह छींकने
बार बार छींकने
पार्टी परेशान
नेता परेशान
इतना छींकता
है
कैसे चलेगा
काम
सरकार के पास
पहुंची बात
छींकने वाले
को
हटा दो इस रात
सूची में संशोधन
हो गया
जिले का कप्तान
बदल गया
पूरी जांच के
बाद
भेजा गया नया
कप्तान
जिसको न हो
जुकाम
नया कप्तान
बिलकुल छींकता
नहीं
कभी भी नहीं
दो चार दिन
बीते
नेता ने खबर
रखी
पार्टी ने नजर
रखी
अरे यह तो छींकता
ही नहीं
आदमी है या
जानवर
आदमी होता तो
छींकता
जानवर ही नहीं
छींकता
ऐसा नहीं चलेगा
कप्तान बदलना
चाहिए
सरकार परेशान
है
नये कप्तान
की तलाश है
खोज रही है
सरकार
आप भी खोजें
अगर मालूम हो
तो बतायें
चाहिए एक अदद
कप्तान
जो हो मनचाहा
’आदमी’।
- बृजेश नीरज
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (16-02-2013) के चर्चा मंच-1157 (बिना किसी को ख़बर किये) पर भी होगी!
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कभी-कभी मैं सोचता हूँ कि चर्चा में स्थान पाने वाले ब्लॉगर्स को मैं सूचना क्यों भेजता हूँ कि उनकी प्रविष्टि की चर्चा चर्चा मंच पर है। लेकिन तभी अन्तर्मन से आवाज आती है कि मैं जो कुछ कर रहा हूँ वह सही कर रहा हूँ। क्योंकि इसका एक कारण तो यह है कि इससे लिंक सत्यापित हो जाते हैं और दूसरा कारण यह है कि किसी पत्रिका या साइट पर यदि किसी का लिंक लिया जाता है उसको सूचित करना व्यवस्थापक का कर्तव्य होता है।
सादर...!
बसन्त पञ्चमी की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ!
सूचनार्थ!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपका आभार गुरूजी!
Deleteबसन्त पंचमी के दिन आपकी मेरे ब्लॉग पर उपस्थिति मेरे लिए सरस्वती मां के वरदान से कम नहीं।
बसन्त पंचमी आपको मंगलमय हो!
सादर!
आपका बहुत धन्यवाद!
ReplyDeleteआभार!
ReplyDeleteबसंत पंचमी की आपको हार्दिक शुभकामनाएं!
सादर!