अब
पछुआ
बयार
रउरा
लइ
गयल
बहाई
बदल
वेश
भूषा
भइया
इतरा
के
डोलल
जइसे
देसी
कुतिया
मराठी
बोल
बोलल
रउरा
तौ
आपन
माटी
अब
गयल
भुलाई
इ
बिदेसी
बिया
से
न
फूल
देसी
फुलाई
अंगरेजी
में
कहेला
अब
बाई
टाटा
बचुआ
अब
फैशन
मा,
बाप
का
कहे
पापा
काहे
लजाला
भइया
बोले
म
तू
माई
इ
बिदेसी
बिया
से
न
फूल
देसी
फुलाई
काहे
लजाला
बोले
में
अपन
भाखा
सुगंध
से
माटी
के
महकल
बा
ई
भाखा
ई
भोजपुरी
त
बा
पहिचान
आपन
भाई
इ
बिदेसी
बिया
से
न
फूल
देसी
फुलाई
- बृजेश नीरज
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