Wednesday, 16 December 2015

चौपाई/ माता की स्तुति

जय अम्बे जय मातु भवानी
जय जननी जय जगकल्यानी
जय बगुला जय विन्ध्यवासिनी
जय वैष्णव जय सिंहवाहिनी

कण कण में है वास तिहारा
तुम जग की हो पालनहारा
करूणा की हो सागर माता
तू सबकी है भाग्य विधाता

दूजा को है तुम सम ज्ञानी
मैया तू जग की महरानी
हम सब माता बालक तेरे
हित अनहित सब है वश तेरे

शरण पड़े माता हम तोरे
मात करूं विनती कर जोरे
इन चरणों में शीश नवावें

तेरी महिमा नित प्रति गावें

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