Wednesday 16 December 2015

सुन्दर रचना

शहर में
एक चित्रकला प्रदर्शनी थी
कुछ मार्डन आर्ट की पेंटिंग्स लगी थीं
मैंने देखा उन्हें
गौर से
बार-बार
इधर से उधर से
कुछ समझ आया

और लोग भी रहे थे
गौर से देखते थे
उन पेंटिंग्स को
सुन्दर रचना कहते थे
और चल देते थे

ख्याल मुझे जँचा
सुन्दर रचना
आलोचना तो उसकी हो सकती है
जो समझ आए
कोई भी वह रचना
जो समझ आए
सुन्दर ही हो सकती है

गाँठ बाँध ली यह बात
अब कोई भी रचना
जो समझ आए
उस पर टिप्पणी कर देता हूँ

सुन्दर रचना

No comments:

Post a Comment

कृपया ध्यान दें

इस ब्लाग पर प्रकाशित किसी भी रचना का रचनाकार/ ब्लागर की अनुमति के बिना पुनः प्रकाशन, नकल करना अथवा किसी भी अन्य प्रकार का दुरूपयोग प्रतिबंधित है।

ब्लागर