Tuesday, 13 August 2013

रात


बहुत अचरज की बात है
आज सबेरा नहीं हुआ
हम देर तक सोते रहे।

बादल
जब कस के घेरे हों
तो
रात दिन में
फर्क करना
मुश्किल होता है।

-        बृजेश नीरज

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